डायबिटीज के दोनों टाइप्स (टाइप 1 और टाइप 2) और उनकी पहचान तथा कारण, विशेषकर कम वजन वाले लोगों में भी डायबिटीज बढ़ना

Nov 14, 2025

डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं—टाइप 1 और टाइप 2। टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है। इसका मुख्य कारण आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारक हो सकते हैं। टाइप 1 डायबिटीज आमतौर पर बचपन या युवावस्था में होता है और अक्सर इसका शरीर का वजन कम होना देखा जाता है।

वहीं, टाइप 2 डायबिटीज मुख्य रूप से जीवनशैली से जुड़ा होता है जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है, परंतु उसका सही उपयोग नहीं हो पाता, जिसे इंसुलिन रेसिस्टेंस कहते हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और यह मोटापे, खराब खान-पान, और कम शारीरिक गतिविधि के कारण होती है। लेकिन खास बात यह है कि अब कम वजन वाले लोगों में भी टाइप 2 डायबिटीज की संख्या बढ़ रही है, जिसका कारण आनुवांशिकता, तनाव, और शहरी जीवनशैली का बदलना है।

दोनों ही प्रकारों में शरीर का ब्लड शुगर स्तर नियंत्रण से बाहर हो जाता है, जिससे लंबे समय तक अगर इसका इलाज न हो तो यह गुर्दा, आंखें, दिल और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।

डायबिटीज की पहचान के लिए समय-समय पर रक्त शुगर की जांच, अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, वजन में अचानक गिरावट, और कमज़ोरी जाँचें आवश्यक हैं। खासकर जो कम वजन वाले लोग हैं, उन्हें भी डायबिटीज के लक्षणों के प्रति सजग रहना चाहिए।

डायबिटीज से बचाव के लिए संतुलित आहार अपनाना, नियमित व्यायाम करना, तनाव से बचाव, और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी है।


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