Welcome to the world of sugar free joy!
Low Carb Sugar-Free Sweets & Cakes
Artinci was born out of Aarti's and Sumit's (Artinci's founders) abiding love for great-tasting dessert, while helping them stay committed to their health goals as well. As a result, Artinci makes delicious desserts with zero sugar, that are science and evidence-backed.
Aarti and Sumit come from a family of three generations of diabetics. They were themselves diagnosed pre-diabetic in 2012, and right there began a lifelong quest of a healthy, active lifestyle, including healthy swaps in food
Sugar free Sweets & Cakes
Aarti Laxman (Founder)
Artinci is founded by Aarti Laxman, a certified Metabolic coach in the Low-Carb Nutrition & Metabolic Health domain from dLife.in, India’s only legally tenable course in this subject—recognized by the NSDC (under the Ministry of Skill Development & Entrepreneurship, Govt. of India). It’s also internationally accredited by the CPD Standards Office UK, with a global record of 144 CPD hours—the highest for any course of its kind. The accreditation is both nationally valid and globally recognised in over 50+ countries..
Festive Gifting in Artinci
Let customers speak for us
All about Sugar and sugar-free
वॉकिंग के फायदे: डायबिटीज के लिए नंबर 1 चॉइस वॉकिंग एरोबिक व्यायाम है जो खाने के बाद शुगर स्पाइक रोकती है। 30 मिनट तेज वॉक से ब्लड शुगर 20-30 mg/dL कम होता है। कोई उपकरण नहीं चाहिए, घर के पास ही करें। 10,000 कदम रोज लक्ष्य रखें। डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित, हृदय मजबूत करता है। शाम को करें – इंसुलिन रेसिस्टेंस 25% कम। जिम के फायदे: मसल्स पावर से लॉन्ग टर्म कंट्रोल जिम में वेट लिफ्टिंग/ट्रेडमिल मसल्स बढ़ाता है, जो शुगर स्टोर करता है। साप्ताहिक 2-3 दिन 20-30 मिनट से इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधरती है। वजन घटाने में तेज लेकिन शुरुआती के लिए मुश्किल। कोच की जरूरत, चोट से बचें। कार्डियो (ट्रेडमिल) वॉकिंग जैसा लेकिन इंटेंस। तुलना टेबल: कौन कब जीतता है? पैरामीटर वॉकिंग जिम (स्ट्रेंथ/कार्डियो) ब्लड शुगर कंट्रोल तुरंत (खाने बाद 10-15 मिनट) लंबे समय (मसल्स बिल्डिंग) आसानी सभी उम्र, कोई उपकरण नहीं जिम/ट्रेनर जरूरी, चोट रिस्क कैलोरी बर्न 200-300/30 मिनट 400+/30 मिनट (इंटेंस) इंसुलिन सेंसिटिविटी 18-25% सुधार (शाम को) 30%+ (नियमित) डायबिटीज मरीज के लिए रोजाना बेस्ट सप्ताह में 2-3 दिन सप्लीमेंट वॉकिंग शुरुआत के लिए, जिम एडवांस। प्रैक्टिकल प्लान: दोनों को मिलाएं शुरुआती: रोज 30-45 मिनट वॉक (सुबह/शाम)। एडवांस: वॉक + जिम (डंबल स्क्वाट्स, प्लैंक्स 2 दिन)। समय: खाने के 1-2 घंटे बाद। ग्लूकोमीटर चेक करें। टिप्स: जूते अच्छे पहनें, हाइपो से बचें (ग्लूकोज साथ रखें)। https://translate.google.com/translate?u=https%3A%2F%2Fapollosugar.com%2Ffood-fitness%2Fexercise-weight-loss%2Fis-walking-better-than-jogging-and-other-fitness-issues-that-puzzle-people-with-diabetes%2F&hl=hi&sl=en&tl=hi&client=srp https://www.jansatta.com/explained/does-running-reduce-diabetes-is-walking-better-than-running-for-blood-sugar/2603251/ https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-diabetes-patient-should-work-out-in-the-afternoon-or-evening-to-control-blood-sugar-new-study-reveals-amu-4837305.html
पेट की चर्बी, इंसुलिन रेसिस्टेंस और डायबिटीज: सरल भाषा में कनेक्शन
पेट की चर्बी क्या है और क्यों खतरनाक? पेट की चर्बी दो प्रकार की होती है – स्किन के नीचे वाली (सबक्यूटेनियस) और अंदरूनी (विसरल फैट), जो लीवर, आंतों के आसपास जमा होती है। विसरल फैट हार्मोन और केमिकल्स रिलीज करता है जो इंसुलिन को ब्लॉक कर देता है। पुरुषों में 40 इंच से ज्यादा कमर, महिलाओं में 36 इंच रिस्क बढ़ाता है। भारत में 'एप्पल शेप' मोटापा डायबिटीज का बड़ा कारण। इंसुलिन रेसिस्टेंस कैसे काम करता है? इंसुलिन ब्लड शुगर को कोशिकाओं में भेजता है। पेट की चर्बी से कोशिकाएं इंसुलिन पर 'उदासीन' हो जाती हैं – रेसिस्टेंस। पैंक्रियास ज्यादा इंसुलिन बनाता है, लेकिन ब्लड शुगर ऊंचा रहता है। इससे टाइप-2 डायबिटीज, फैटी लीवर, हृदय रोग होता है। सेडेंटरी लाइफ, ज्यादा कार्ब्स, प्रोसेस्ड फूड इसे बढ़ाते हैं। चर्बी-रेसिस्टेंस-डायबिटीज का चक्र: सरल डायग्राम स्टेज क्या होता है? असर पेट चर्बी बढ़ना विसरल फैट जमा, सूजन केमिकल्स रिलीज इंसुलिन ब्लॉक इंसुलिन रेसिस्टेंस कोशिकाएं इंसुलिन इग्नोर ब्लड शुगर ऊंचा, ज्यादा इंसुलिन डायबिटीज पैंक्रियास थक जाता है टाइप-2 डायबिटीज, जटिलताएं यह चक्र तोड़ने के लिए 5-10% वजन कम करें। रोकथाम के प्रैक्टिकल टिप्स: आज से शुरू करें डाइट: कम GI फूड्स (दाल, सब्जी, ओट्स), ट्रांस फैट अवॉइड। फल जूस न पिएं। व्यायाम: रोज 30 मिनट वॉक/योग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग। हर घंटे 2 मिनट मूव। मॉनिटर: कमर नापें, FBS/HbA1c चेक कराएं। नींद 7-8 घंटे। घरेलू: मेथी पानी, दालचीनी चाय इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाए। https://translate.google.com/translate?u=https%3A%2F%2Fpmc.ncbi.nlm.nih.gov%2Farticles%2FPMC4038351%2F&hl=hi&sl=en&tl=hi&client=srp https://ckbirlahospitals.com/rbh/blog/5-serious-health-problems-caused-by-insulin-resistance-in-hindi https://www.amarujala.com/photo-gallery/lifestyle/fitness/belly-fat-risks-and-reason-deadly-diseases-linked-to-abdominal-obesity-2025-11-22
व्हाइट शुगर vs ब्राउन शुगर vs गुड़: डायबिटीज के मरीजों के लिए कौन सा बेहतर?
परिचय: मीठे का सच – डायबिटीज में कौन सा 'सुरक्षित'? डायबिटीज मरीज अक्सर सोचते हैं कि ब्राउन शुगर या गुड़ सफेद चीनी से बेहतर है। लेकिन विज्ञान कहता है – तीनों सुक्रोज़ से बने हैं और ब्लड शुगर पर समान असर डालते हैं। सफेद चीनी 99% सुक्रोज़, ब्राउन में 3-7% मोलासेस, गुड़ गन्ने का कम प्रोसेस्ड रूप। मुख्य फर्क: प्रोसेसिंग और मिनरल्स। डायबिटीज में मात्रा और GI मायने रखता है। तीनों की तुलना: GI, न्यूट्रिशन और असर स्वीटनर GI वैल्यू कैलोरी (प्रति 100g) मुख्य फायदे/नुकसान (डायबिटीज के लिए) सफेद चीनी 65 387 तेज ब्लड शुगर स्पाइक, कोई मिनरल्स नहीं। सबसे खराब चॉइस। ब्राउन शुगर 64 380 थोड़े मिनरल्स (आयरन, कैल्शियम), लेकिन नगण्य। सफेद जैसा ही असर। गुड़ 84 383 आयरन, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स। पाचन सुधारता है, लेकिन ऊंचा GI। सीमित लें। ब्राउन शुगर सफेद चीनी + गुड़ है, इसलिए पोषण में मामूली फर्क। गुड़ आयुर्वेदिक लाभ देता है, लेकिन ज्यादा लेने से स्पाइक। डायबिटीज मरीजों के लिए प्रैक्टिकल टिप्स मात्रा: सभी में 1 चम्मच (5g) से ज्यादा न लें। रोज 25g कुल शुगर लिमिट। विकल्प: स्टेविया (GI 0), मॉन्क फ्रूट। फल (सेब GI 39) से मीठा लें। भारतीय उपयोग: चाय में गुड़ 1/2 चम्मच, लेकिन दालचीनी मिलाएं। मिठाई में नट्स-खजूर लड्डू। टेस्ट करें: ग्लूकोमीटर से 2 घंटे बाद चेक करें। व्यायाम के बाद लें। मिथक तोड़ें: क्या गुड़ 'हेल्दी शुगर' है? गुड़ में मिनरल्स हैं, लेकिन डायबिटीज में GI 84 से स्पाइक होता है। ब्राउन को 'हेल्दी' मार्केटिंग बेचती है, लेकिन सफेद जैसा ही। असली सलाह: कम से कम चीनी, फाइबर-प्रोटीन के साथ लें। https://translate.google.com/translate?u=https%3A%2F%2Fwww.apollo247.com%2Fhealth-topics%2Fdiabetes%2Fbrown-sugar-white-sugar-diabetes&hl=hi&sl=en&tl=hi&client=srp
भारत में डायबिटीज स्क्रीनिंग: FBS, PPBS, HbA1c, OGTT, लिपिड प्रोफाइल – कब, क्यों और कितनी बार कराएं?
डायबिटीज स्क्रीनिंग क्यों जरूरी? भारत में 10 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज रोगी हैं, ज्यादातर बिना पता चले। शुरुआती स्क्रीनिंग से प्री-डायबिटीज पकड़कर रोकथाम संभव। 30+ उम्र, फैमिली हिस्ट्री, मोटापा वाले हर 1-3 साल में जांचें। मुख्य टेस्ट्स और उनके मान टेस्ट क्या मापता है? सामान्य मान (mg/dL) कब कराएं? FBS (फास्टिंग ब्लड शुगर) 8-10 घंटे उपवास के बाद ग्लूकोज <100 नॉर्मल, 100-125 प्री, ≥126 डायबिटीज सुबह खाली पेट, स्क्रीनिंग/निगरानी PPBS (पोस्ट प्रैंडियल) खाने के 2 घंटे बाद ग्लूकोज <140 नॉर्मल, 140-199 प्री, ≥200 डायबिटीज हर मील के बाद, दवा प्रभाव चेक HbA1c 2-3 महीने का औसत ब्लड शुगर <5.7% नॉर्मल, 5.7-6.4% प्री, ≥6.5% डायबिटीज बिना उपवास, सालाना/हर 3-6 माह OGTT (ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस) ग्लूकोज पीने के बाद सहनशीलता 2 घंटे बाद <140 नॉर्मल प्रेग्नेंसी/संदेहास्पद केस, सालाना लिपिड प्रोफाइल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स कुल <200, HDL >40 (पुरुष)/>50 (महिला) हृदय जोखिम चेक, हर साल डायबिटीज में कब और कितनी बार जांचें? स्क्रीनिंग: 35+ उम्र से हर 3 साल (जोखिम वाले 1 साल), HbA1c + FBS से शुरू। प्री-डायबिटीज में सालाना। डायबिटीज मरीज: टाइप 2 में हफ्ते में 4 बार (FBS + 3 PPBS), इंसुलिन पर रोज। HbA1c हर 3-6 माह। खास केस: गर्भावस्था में OGTT (24-28 सप्ताह), फैमिली हिस्ट्री वाले 25+ से शुरू। लिपिड हर साल हृदय रिस्क के लिए। घर पर ग्लूकोमीटर से रोज चेक, लेकिन लैब कन्फर्मेशन जरूरी। डॉक्टर से पैकेज चुनें। https://www.amarujala.com/photo-gallery/lifestyle/fitness/what-is-right-time-to-check-blood-sugar-morning-or-evening-know-blood-sugar-range-2025-11-15 https://www.medanta.org/hi/patient-education-blog/diabetes-screening-early-detection https://www.abplive.com/lifestyle/health/diabetics-health-tips-how-often-to-test-their-blood-sugar-simple-guide-to-testing-at-right-time-3036609 https://www.apexhospitals.com/hi/blogs-articles/why-the-HbA1C-test-is-crucial-for-diabetes-prevention





